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युवाओं में बेहद लोकप्रिय सीरीज नेवर किस योर बेस्ट फ्रेंड का दूसरा सीजन है नेवर किस योर बेस्ट फ्रेंड 2। इस सीरीज की यह खासियत रही कि इसने ओवर द टॉप जाकर, दोस्ती और रोमांस के रिश्ते को नहीं दिखाया, यही वजह है कि मेरे जैसे और भी दर्शक, जिन्हें स्लाइस ऑफ़ लाइफ और जिंदादिली पर आधारित सीरीज पसंद हैं, उन्हें एक कनेक्ट महसूस हुआ, साथ ही नकुल मेहता, आन्या सिंह ने भी अपनी मैच्योरिटी से इस कहानी के सीजन 2 को बिंज वॉच बना दिया है, इस बार कहानी लंदन पहुंची है और दो दोस्त किस तरह से यहाँ से दोस्ती और प्यार के रिश्ते के कॉम्प्लेक्स पलों से सामना करते हैं, यह देखना इस बार दिलचस्प है। अब मैं ऐसा क्यों कह रही हूँ, यहाँ विस्तार में बताती हूँ।
पहले सीजन में हमने दो किरदार, जो एक दूसरे के बेस्ट फ्रेंड हैं, यानी सुमेर सिंह ढिल्लन ( नकुल मेहता) और तानी ब्रार ( आन्या सिंह), दोनों में तकरार, लेकिन एक दूसरे के लिए जान दे देने वाला प्यार और एक दूसरे के बगैर नहीं रह पाते हैं, पिछले सीजन में एक गलतफहमी के कारण अलग हो गए थे। लेकिन इस बार कहानी लंदन पहुँचती है, जहाँ एक बार फिर से समर और तानी मिलते हैं, इस बार कहानी में एक न्यू एंट्री भी है, करण (करण वाही) की। कहानी पांच साल आगे बढ़ चुकी है, सुमेर और तानी का मिलना, डेस्टिनी में था, सो दोनों को एक ही वेब फिल्म बनाने के लिए लावन्या( सारा ) से जुड़ना होता है, लावन्या एक प्रोडक्शन कम्पनी चलाती है और उसने तानी को राइटर और सुमेर को डायरेक्टर के रूप में हायर किया हुआ है, ऐसे में न छाते हुए भी काम करने के लिए एक ही बोर्ड पर आना ही पड़ता है। दोनों को ही काम की जरूरत है और यह बेहतरीन प्रोजेक्ट है, सो दोनों अपनी पिछली जिंदगी भूल कर, टीम की तरह काम करते हैं, तानी अपने लाउड पेरेंट्स जिनका किरदार निक्की वालिया और जावेद जाफरी ने निभाया है, उनके बेकार के आइडिया से भी तंग आ गई है, इसलिए भी वह अपना बेस्ट देना चाहती है। इन सबके बीच एंट्री होती है, करण की। करण एक एक्टर है अब वह तानी की जिंदगी में क्या नयापन लाता है और सुमेर का इसपर क्या असर होता है, क्या तानी और सुमेर की वेब सीरीज बन पाती है, यह मैं आपको यहाँ नहीं बताऊंगी, उसके लिए आपको एक बार सीरीज तो देखनी होगी, यकीन मानिए आप बोर भी नहीं होंगे।
निर्देशक ने इस बार सीजन को सिर्फ अमूमन जैसे रॉम -कॉम होते हैं, वैसे सिर्फ काम चलाऊ नहीं बनाया है। इस बार न सिर्फ कहानी मैच्योर हुई है, किरदार मैच्योर हुए हैं, बल्कि निर्देशक का निर्देशन भी मैच्योर हुआ है, इस बार की कहानी में अधिक फ्रेशनेस है। इमोशन है और एक कनेक्ट है, जो काफी नेचुरल तरीके से हर एपिसोड में आता है। इस बार कैनवास भी मेकर्स ने बड़ा कर दिया है, कहानी का ट्रीटमेंट कुछ ऐसा रखा गया है, जैसे कोई बॉलीवुड की फिल्म हो, इसकी वजह से भी सीरीज दिलचस्प हुई है। कहानी में इस बार खूब सारा ड्रामा भी है, इमोशन भी है, रोमांस भी है। सारा और करण जैसे नए कलाकारों का जुड़ना कहानी में और फ्रेशनेस दे जाता है। सीरीज में खूबसूरत म्यूजिक, लोकेशंस भी सीरीज देखने के लिए प्रेरित करते हैं।
नकुल मेहता और आन्या सिंह दोनों ही इस सीरीज में पिछले सीजन से अधिक मैच्योर नजर आये हैं। उनके बीच की केमेस्ट्री आकर्षित करती है। एक फ्रेशनेस है, दोनों के ही अभिनय में इस बार। वहीं करण वाही ने कहानी में आइसिंग ऑन द केक का काम किया है। उनका आना कहानी में चार चाँद लगा रहा है। सारा जेन डायस का भी काम काफी अच्छा है, उनका रुआब उनके किरदार पर फिट बैठता है। निकी और जावेद जाफरी अपने किरदारों में फिट बैठे हैं। जावेद की कॉमिक टाइमिंग कमाल की लगी है।
कहीं-कहीं कहानी ओवर मेलोड्रमैटिक हुई है, वह कहानी को कई दृश्यों में कमजोर बना देती है, सीरीज की अवधि भी थोड़ी छोटी की जा सकती थी।
कुल मिला कर, कहूं तो सुमृत शाही और दुर्जोय दत्ता की इस नॉवेल का यह सीरीज रूप दर्शकों को पसंद आएगा, मुझे ऐसी उम्मीद है, खासतौर से युवा दर्शकों के लिए यह एक अच्छा वीकेंड बिंज वॉच बन सकता है, जो कि वह अपने दोस्तों के साथ देखें।
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