[ad_1]
मैं पूरी ईमानदारी से कहूँ, तो वर्ष 2018 में जब पहली बार, यश, केजीएफ लेकर आये थे, उस वक़्त फिल्म देखने से पहले तक, मैं इस बात का अनुमान बिल्कुल नहीं लगा पाई थी कि यह फिल्म इस कदर दर्शकों को पसंद आएगी, लेकिन मैं इस बात को भी स्वीकारना चाहूंगी कि मैंने फिल्म देखने के बाद, जो लोगों में क्रेज देखा, जिस तरह से दर्शक इसके दूसरे भाग का इंतजार कर रहे थे, उससे मैं अनुमान लगा पायी कि फिल्म की रस्टिक कहानी ने, आम लोगों को किस तरह से प्रभावित किया है, दीवार और काला पत्थर जैसी सदाबाहर फिल्मों वाले टोन में यश, एक बार फिर लेकर आये हैं केजीएफ चैप्टर 2, और इस बार रॉकी भाई और टशन, स्टाइल, रुआब और डायलॉग लेकर आये हैं। केजीएफ 2 के फैंस के क्रेज को ध्यान में रखते हुए, फिल्म के अर्ली मॉर्निंग शोज निर्धारित किये गए हैं, लेकिन मैं इस बात को देख कर हैरान हूँ कि मैं जब यहाँ फिल्म देखने पहुंचीं, तो मुंबई के पीवीआर सिनेमा थियेटर में लगभग हॉउस फूल नजर आया, हैरान इसलिए कि मुंबई में मानसिक रूप मॉर्निंग थोड़ी देर से होती है, ऐसा मानना है लोगों का, लेकिन जिस तरह से मुझे यश की इस फिल्म का क्रेज नजर आया, वह मेरे लिए पूरी तरह से हैरान करने वाला था। लेकिन सबसे संतुष्टि की बात यह रही कि यश और फिल्म के मेकर्स ने उनके फैंस को निराश नहीं किया है, अमूमन सीक्वल फिल्मों में निर्देशकों से चूक होती है, लेकिन चार साल समय लगा कर, यश ने इस फिल्म में अपनी शिद्दत दी है और कमाल की बात यह है कि उनकी मेहनत रंग लायी है। फिल्म पहले भाग से और अधिक दमदार, स्टाइलिश और फूल रूप से मसाला एंटरटेनर तो है ही, फिल्म में इमोशन की कोई कमी नजर नहीं आयी है। फिल्म क्यों फैंस को फिर से पसंद आने वाली है, इसके बारे में मैं विस्तार से बताने जा रही हूँ। साथ ही मैं यह भी बता दूँ, रवीना टंडन और संजय दत्त, सिर्फ नाम के लिए नहीं हैं फिल्म में, उन्होंने भी रॉकी के सामने बराबर की टक्कर दी है। इस फिल्म को देख कर ऐसा लग रहा है जैसे दीवार और काला पत्थर जैसी फिल्म इस दौर में बनती, पूरे तकनीकी सहयोग साथ, तो शायद ऐसी ही बनती।
कहानी में खुद यश यानी रॉकी कहता है कि शतरंज के खेल में मोहरे बदलने जरूरी हैं, तभी खेल का असली मजा आता है, इस कहानी के दूसरे भाग में कुछ ऐसा ही हुआ है, मोहरे बदले हैं, लेकिन खेल कुछ वैसा ही रोमांचक है। कहानी वहीं से शुरू होती है, जहाँ पर पहला भाग खत्म हुआ था। कहानी रॉकी (यश) की है, यश इस बार और अधिक वॉयलेंस करने के मूड में है, वह और अधिक ताकतवर बनना चाहता है, लेकिन अपने लोगों का साथ और उनका कल्याण करते हुए। वह केजीएफ का बादशाह है, लेकिन उन गरिबों का पैसा खाने वाला नहीं, बल्कि उन पर पैसे और जान न्योंछावर करने वाला। इस बार उसका मकसद बड़ा,उससे एक बड़ा अधिकारी पूछता है कि तुम कौन, तो वह कहता है कि वह सीईओ ऑफ़ इंडिया है, मतलब वह इण्डिया पर राज करना चाहता है, जाहिर सी बात है कि जब मकसद बड़ा है, तो दुश्मन भी बड़े ही होंगे, ऐसे में एंट्री होती है अधीरा(संजय दत्त) की, जिसकी तलवार पानी नहीं, खून पीती है, वह हर हाल में रॉकी को जड़ से उखाड़ना चाहता है। निर्देशक ने एक मजबूत और दमदार नायक के सामने, एक ताकतवर और उससे मुकाबला करने वाला खलनायक लेकर आये हैं और यही वजह है कि यश का किरदार और निखर कर आया है, इस बार रॉकी की जिंदगी में प्यार भी आ गया है , लव लेडी (श्रीनिधि शेट्टी), के आने से उसकी जिंदगी में बड़े ट्विस्ट आते हैं। इस बार रॉकी के सामने, भारत की हुकूमत भी है, जिसकी बागडौर रमिका (रवीना टंडन) के हाथों में है। ऐसे में वह रॉकी, जिसे वह भारत का सबसे बड़ा क्रिमनल मानती है, उसे ध्वस्त करने में कामयाब होगी या नहीं, यह मैं यहाँ नहीं बताऊंगी, वरना फिल्म देखने का आपका मजा किरकिरा हो जायेगा। रॉकी की ताकत, उसका रुतबा नहीं, उसके लोग हैं, जो रॉकी पर जान लुटा देने में यकीन रखते हैं, लेकिन एक बार रॉकी को अधीरा हिलाता है, यहाँ रॉकी कुछ दिनों के लिए गायब होता है, क्यों गायब होता है और तीन साल कैसे बीत जाते हैं, यह जानने के लिए आपको दो नहीं, तीसरे सीजन का इंतजार करना होगा।
यश ने इस बार दूसरे हिस्से में और मेहनत की है, उनका स्टाइलिश अंदाज, लहजा और खासतौर से बीयर्ड लुक उनके फैंस को और अधिक रास आने वाला है, उन्होंने खुद को और निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, वन लाइनर तो उन्होंने ऐसे बोले हैं कि उन्हें खूब सीटियां मिलने वाली है, आम लोगों के नायक के रूप में यश इस फिल्म में भी उभरते हैं। उनमें पैन इंडिया के हीरो बनने वाले सारे गुण इस कहानी में नजर आये हैं। श्रीनिधि के लिए अधिक गुंजाइश नहीं थी फिल्म में। फिल्म में दो और दमदार किरदार हैं, वह हैं रवीना टंडन और संजय दत्त और दोनों ही फिल्म में सिर्फ नाम के नहीं हैं, रवीना को देख कर, तो मुझे सत्ता वाली रवीना याद आ गई हैं। संजय दत्त पूरे फॉर्म में हैं, अग्निपथ के बाद, इस बार उन्हें खलनायक के रूप में अधिक चुनौती मिली है। प्रकाश राज सूत्रधार के रूप में जंचे हैं .
फिल्म की कहानी में महिलाओं के सम्मान के लिए खूब बातें की गई हैं, एक जगह रॉकी कहता है कि महिलाओं के सामने हाथ जोड़ कर, खड़ा रहना चाहिए, वह माँ का और हर औरत का सम्मान करता है, लेकिन फिल्म में श्रीनिधि के किरदार को अधिक विस्तार नहीं दिया गया है, वह भी हुआ होता तो कहानी और खास हो जाती।
रॉकी की तबाही, खुद रॉकी ही कर सकता है, यह फिल्म पूरी तरह से रॉकी के दास्ताँ को सार्थक करती है। इसी के साथ मैं बस आपसे यही कहूँगी कि आपके लिए यह फिल्म एक शानदार मसाला एंटरटेनर फिल्म साबित होगी, फिल्म में मेकर्स ने एक बड़ा सरप्राइज रखा है, सो उसका इंतजार जरूर कीजियेगा, फिलहाल इस बार भी मुझे लगता है कि केजीएफ 2 का क्रेज दोगुना होने वाला है .
Hey there! Ready to embark on a historical journey with Air India? Whether you're a…
In 2017, altcoins were seen as experimental side projects to Bitcoin. By 2021, they became…
Shopping centers in Las Vegas have a unique opportunity to stand out by offering not…
Levitra, a widely recognized medication for treating erectile dysfunction (ED), has proven to be a…
Have you ever looked down at your carpet and wondered if there’s a budget-friendly way…
Counter-Strike 2 (CS2) has elevated the thrill of case openings, captivating both seasoned CS:GO veterans…